भारतीय डायस्पोरा .... फिर भी दिल हैं हिन्दुस्तानी
आज प्रवासी भारतीयों का आकार , फैलाव और बढ़ता प्रभाव सचमुच प्रभावशाली हैं | भारतीय डायस्पोरा पूरे विश्व में फैला हुआ हैं | यह इतना व्यापक है कि भारतीय डायस्पोरा में सूर्य कभी अस्त नहीं होता है | इसकी संख्या अनुमानत: 25 लाख से अधिक हैं | प्रवासी भारतीय समुदाय विविध रंग बिरंगा, उदार विश्व समुदाय है जिसमे अलग-अलग क्षेत्रों ,भाषाओं ,संस्कृतियों और विश्वासों से सम्बन्ध रखने वाले लोग हैं | दुनिया के हर कोने में प्रवासी भारतीय समुदाय का कठिन परिश्रम अनुशासन दखलंदाजी न करने और स्थानीय लोगों के साथ घुल मिल जाने की प्रवृति के कारण सम्मान किया जाता है |
डायस्पोरा सेवा प्रभाव प्रवासी भारतीयों जिनमे भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओं) और अनिवासी भारतीय (एनआरआई )शामिल है| यह प्रवासी भारतीय नागरिकता के मामलों , प्रवासी भारतीय दिवस , भारतीय मूल के विद्यार्थियों को छात्र वृतियां और पर्यटन मीडिया , युवा कार्य शिक्षा संस्कृति आदि में भारत के साथ प्रवासी भारतीयों के आपसी तालमेल को बढाने की नई पहलों से सम्बन्धी सभी मामलों कि देख रेख करता है |
अनिवासी भारतीयों को मतदान का अधिकार
अनिवासी भारतीयों को मतदान का अधिकार
प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार भारत के प्रधान मंत्री ने प्रवासी भारतीय दिवस 2010 में यह घोषणा कि थी कि हम कुछ 10 मिलियन अनिवासी भारतियों के मतदान का अधिकार प्रदान करने के लिए कदम उठाएंगे |जन प्रतिनिधित्व अधिनियम , 22 सितम्बर 2010 को अधिसूचित किया गया | वहां के मतदान केंद्र में पंजीकरण कराने का प्रावधान करता है |3 फरवरी 2011 को प्रवासी मतदाताओं को देश की चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देते हुए , निर्वाचक नियमों का पंजीकरण , 1960 में संशोधन करने के लिए एक अधिसूचना जारी की गई |
दोहरी नागरिकता
दोहरी नागरिकता के लिए विशेष रूप से उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप , ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में डायस्पोरा से लम्बे समय से निरंतर चली आ रही मांग और प्रवासी भारतीयों की आकांक्षाओं और इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन करके प्रवासी भारतीय योजना अगस्त 2005 में शुरू की गई | योजना में भारतीय मूल के सभी लोगो जो 26 जनवरी 1950 को या उसके बाद भारत के नागरिक थे या जो इस समय नागरिक बनने के योग्य थे उनको प्रवासी भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकरण कराने का प्रबंध हैं |
भारतीय मूल के लोगों के लिए विश्वविघालय
भारतीय मूल के लोगो के लिए विश्वविघालय की स्थापना नवाचार विश्वविधालय अधिनियम के दौरान एक निजी संगठन दवारा की जाएगी प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार निजी क्षेत्र के माध्यम से आने वाले, वहीं भारतीय मूल के छात्र हमारे मंत्रालय की छात्रवृति योजना के द्वारा प्रवेश पा सकेंगे इस प्रकार भारत सरकार की आरक्षण नीति के भीतर समायोजित होगा |
प्रवासी भारतीयों के लिए प्रोत्साहन
प्रवासी भारतियों द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था और सामाजिक गतिविधियों के योगदान को प्रोत्साहन देने हेतु सरकार द्वारा अनेकों पहल कदमियां की गई वर्ष 2003 से लगातार हर वर्ष जनवरी में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है | जिसका उदेश्य भारत को इसके विशाल डायस्पोरा से जोड़ना और उनके ज्ञान , विशेषज्ञता और कौशल को एक सामान्य मंच पर लाना है | प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार उस अनिवासी भारतीय , मूल के व्यक्ति या अनिवासी भारतीय या भारतीय मूल के दवारा स्थापित चलाई जा रही संस्था या संस्थान को दिया जाता है जिसमे अपने निवास के देश में भारत की इज्जत को बढ़ने के लिए किसी भी क्षेत्र में अनोखा कार्य किया हो | भारत जानो कार्यक्रमों के आयोजन का उद्देश्य 18-26 आयु वर्ग के भारतीय डायस्पोरा युवाओं को हमारे देश में हुए विकास कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी देना हैं|अब तक 502 प्रवासी भारतीय युवाओं ने इनमें भाग लिया है | मंत्रालय की पहल पर भारत जानो कार्यक्रम वेबसाइट पर एक सामाजिक नेटवर्क शुरू किया था| यह वेबसाइट अब सक्रिय है| डायस्पोरा बच्चों के छात्रवृति कार्यक्रम नामक एक योजना शैक्षिक वर्ष 2006 -07 में शुरू की गई थी|इस योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 3600 अमरीकी डॉलर तक की छात्रवृतियां भारतीय मूल के लोगों और अप्रवासी भारतीय विद्यार्थियों को इंजिनियर/प्रौद्योगिकी , मानवीय/उदारीकृत कला , होटल प्रबंध,प्रबंध पत्रकारिता , कृषि/पशु-पालन आदि में स्नातक पाठ्यक्रमो के लिए दी जाती हैं |
प्रवासी भारतीयों के विवाह से जुडी समस्याएं
प्रवासी भारतीय विवाहों की समस्या जटिल हैं|क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय कानून के सीमा क्षेत्र में आती है | यह एक सामाजिक मामला भी है इन मामलो को निपटने के लिए मंत्रालय की कोशिश भावी दुल्हनों और इनके परिवारों में उनके अधिकारों व कर्तव्यो से जुड़ी जागरूकता का निर्माण करने जा रही ही है| राष्ट्रीय महिला आयोग प्रवासी भारतीय दुल्हनों के विवाह से जुडी
समस्याओं के निपटान में भूमिका निभा रहा है |प्रवासी भारतियों पतियों द्वारा छोड़ी हुई भारतीय महिलाओं को कानूनी और वित्तीय सहायता देने के लिए योजना प्रदान कर रहा हैं |
भारत सरकार के कार्यक्रमों और गतिविधियों का मुख्य उदेश्य भारत
और उसके डायस्पोराके बीच व्यापक सम्बन्ध कायम करने के लिए
स्थितियां,भागीदारीऔर संस्थाएं स्थापित करना हैं चूँकि नया भारत एक
महत्वपूर्ण भूमंडलीय भागीदार बनना चाहता है ,इसके लिए भारत
और प्रवासी भारतीयों के बीच मजबूत और टिकाऊ सम्बन्द बनाने का समय आ गयाहै जब किप्रवासी भारतीय, भारत द्वारा प्रदान किये जा रहे व्यापक अवसरों का लाभ उठायें |
भारत की सांस्कृतिक विरासत लिए ये अप्रवासी भारतीय विश्व के हर कोने में अपनी कड़ीमेहनत,कर्तव्यनिष्ठा ,और ईमानदारी से प्रगति के परचम लहरा रहे है और विभिन्न देशो में रहने वाले , विभिन्न धर्मो वाले ,विभिन्न भाषाओं वाले,विभिन्न विचारों वाले-"अनेकता में एकता"की उस महान धारणा के प्रतीकहै,जिसका भारत प्रतिनिधित्व करता है|प्रवासी भारतीय मंत्रालय परदेस में बसे इन भारतीयों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद् है|
समस्याओं के निपटान में भूमिका निभा रहा है |प्रवासी भारतियों पतियों द्वारा छोड़ी हुई भारतीय महिलाओं को कानूनी और वित्तीय सहायता देने के लिए योजना प्रदान कर रहा हैं |
भारत सरकार के कार्यक्रमों और गतिविधियों का मुख्य उदेश्य भारत
और उसके डायस्पोराके बीच व्यापक सम्बन्ध कायम करने के लिए
स्थितियां,भागीदारीऔर संस्थाएं स्थापित करना हैं चूँकि नया भारत एक
महत्वपूर्ण भूमंडलीय भागीदार बनना चाहता है ,इसके लिए भारत
और प्रवासी भारतीयों के बीच मजबूत और टिकाऊ सम्बन्द बनाने का समय आ गयाहै जब किप्रवासी भारतीय, भारत द्वारा प्रदान किये जा रहे व्यापक अवसरों का लाभ उठायें |
भारत की सांस्कृतिक विरासत लिए ये अप्रवासी भारतीय विश्व के हर कोने में अपनी कड़ीमेहनत,कर्तव्यनिष्ठा ,और ईमानदारी से प्रगति के परचम लहरा रहे है और विभिन्न देशो में रहने वाले , विभिन्न धर्मो वाले ,विभिन्न भाषाओं वाले,विभिन्न विचारों वाले-"अनेकता में एकता"की उस महान धारणा के प्रतीकहै,जिसका भारत प्रतिनिधित्व करता है|प्रवासी भारतीय मंत्रालय परदेस में बसे इन भारतीयों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद् है|
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