अयोध्या के 60 वर्षो से चल रहे मामले का फेसला आ गया है |पूरी दुनिया सांसे थामे इस फेसले का इन्तजार कर रही थी,करे भी क्यों नहीं क्योंकि फेसला राम मंदिर और बावरी मस्जिद का जो था |यह ऐतिहासिक फेसला 6 दशक से चल रहा था |यह मामला फेजाबाद के कोर्ट 22 दिसंबर 1950 को गोपाल सिंह ने करवाया था ,उसके बाद परमहंस ने तथा निर्मोही अखाड़े ने मुकदमा दर्ज करवाया |29 सितम्बर को इस मामले पर इलहाबाद की लखनऊ हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फेसला सुना दिया |तीनो जज जस्टिस सुधीर अग्रवाल , जस्टिस एस यु खान , जस्टिस धर्मवीर अग्रवाल ने यह फेसला किया की पूरी विवादित जमीन तीन हिस्सों में बंटेगी |जमीन आबंटन का कार्य तीन महीनो बाद शुरू होगा |हिन्दुओ के हक़ में यह कहा गया की रामलला की जमीन जहाँ है वहीँ रहेगी |श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य दास ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया |लेकिन सुन्नी सेन्ट्रल वख्फ़ बोर्ड के खिलाफ मकदमा सुप्रीम कोर्ट में दर्ज करेगा |
क्या बनाने आये थे और क्या बना बैठे ,
कहीं मंदिर और कही मस्जिद बना बैठे ,
हमसे तो अच्छी जात उन परिंदों की जो कभी
\ मंदिर पर तो कभी मस्जिद पर जा बैठे
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